
धारचूला-गुंजी मोटर मार्ग के खुलते ही आदि कैलाश यात्रा शुरू हो गई है। पहले दिन प्रशासन ने 700 इनर लाइन परमिट जारी किए। आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है।
इस वर्ष दो मई से दो जुलाई तक संचालित यात्रा में 21 हजार से अधिक पर्यटक आदि कैलाश के दर्शन के लिए पहुंचे थे। बरसात शुरू होने के बाद मार्ग बंद होने से यात्रा बंद करनी पड़ी थी। पहली सितंबर से यात्रा शुरू होने की उम्मीद में देश भर से पर्यटक धारचूला पहुंचने लगे थे, लेकिन मूसलाधार बारिश के कारण मोटर मार्ग बंद होने से यात्रा का संचालन शुरू नहीं हो सका।
अब धारचूला-तवाघाट-गुंजी मोटर मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया है। बारिश थमने के बाद मौसम अनुकूल होते ही प्रशासन ने पास जारी करने शुरू कर दिए हैं। पहले दिन तहसील प्रशासन की ओर से लगभग 700 पास जारी किए गए। पास जारी होते ही पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से लेकर व्यास घाटी तक चहल पहल शुरू हो गई है। निजी वाहनों के साथ ही टैक्सी से भी श्रद्धालु यात्रा पर जा रहे हैं। इसके अलावा बाइकर्स भी बड़ी संख्या में यात्रा पर आ रहे हैं। टूर ऑपरेटर, होटल संचालक और होम स्टे संचालक पर्यटकों के आने से खुश हैं।
परमिट के लिए पर्यटकों को घंटों तक भूखे प्यासे करना पड़ा इंतजार
आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन के लिए पिछले सप्ताह से ही कई पर्यटक धारचूला पहुंच गए थे। अजमेर, लखनऊ सहित विभिन्न स्थानों से आए कुछ पर्यटक 14 सितंबर से धारचूला में रुके थे। 19 सितंबर बृहस्पतिवार को सुबह से ही पर्यटक इनर लाइन परमिट जारी होने के इंतजार में होटल छोड़कर टैक्सियों में बैठ गए थे लेकिन दोपहर तक कुछ ही पास जारी हो सके। इससे पर्यटक और टूर ऑपरेटर तहसील कार्यालय पहुंच गए।
तहसील परिसर में अधिक भीड़ जुटते देख एसडीएम श्रेष्ठ गुनसोला टीआरसी चले गए और वहीं से पास जारी करने लगे। अधिक दबाव पड़ने पर एसडीएम ने तहसील कर्मी हेम भट्ट को बुलाया। इसके बाद देर शाम तक लगभग 700 पास जारी हुए। व्यास टैक्सी यूनियन के संरक्षक वीरेंद्र नबियाल और अध्यक्ष प्रवेश नबियाल ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि यदि प्रशासन ने समय से पास जारी किए होते तो पर्यटकों को परेशानी नहीं उठानी पड़ती।