
सावन के पहले सोमवार की शुरुआत आज से हो रही है। सावन मास शिव की भक्ति को समर्पित होता है। इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। 19 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार होगा। आज शिव मंदिरों में विशेष पूर्जा-अर्चना भी होगी।
आज पहला सोमवार सर्वार्थसिद्धि, प्रीति, आयुष्मान योग के साथ शुरू हो रहा है जिसे ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा संयोग 27 जुलाई, 1953 को बना था। भगवान शिव अपने प्रिय सावन माह में सपरिवार पृथ्वी पर चार माह तक रहकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। इस माह में भगवान शिव की आराधना, रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी होता है। ज्योतिष अशोक वार्ष्णेय ने बताया 1953 में पहले सोमवार को अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि योग रहा था। ज्योतिष तिलक कांडपाल का कहना है कि श्रावण मास में मेष, सिंह, तुला, धनु, मकर , मीन राशि के जातकों को शिव की विशेष पूजा करना करना उत्तम रहेगा। शिव महापुराण के अनुसार शिव भक्त सोमवार को कमलपत्र, बेलपत्र, शतपत्र पुष्प से पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें दिव्य ऐश्वर्य, लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
विभिन्न प्रकार के पल्लव, पुष्प चढ़ाने के लाभ
रोगमुक्ति के लिए- कमलपुष्पधन
धान्य वृद्धि- बेलपत्र
आयु प्राप्ति – दूर्वाघास
पुत्र प्राप्ति – धतूरा
साठी चावल- वंश वृद्धि
बल प्राप्ति -आक के फूल
महापाप विनाश – सहस्र तिल
शिवार्चन का विशेष महत्व
जो जातक नमक, शुद्ध घी से निर्मित शिवलिंग की पूजा करते हैं, उन्हें ज्ञान वृद्धि होती है। शुद्ध मिट्टी से बने शिवलिंग से धन-ऐश्वर्य और चांदी, तांबा, पीतल, रत्न से निर्मित शिवलिंग की पूजा करने से संपूर्ण भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।